

टनकपुर क्षेत्र से लगे बस्तीया गांव में कल बृहस्पतिवार की रात्रि के 1:00 बजे अकेले हाथी ने किसानों की धान की फसल को खाकर बर्बाद कर दी। साथ ही कई बीघा फसल अपने पैरों से रोद डाली । आम लीची केले के बगीचों को भी खासा नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात करीब 1:00 बजे फेंसिंग लाइट के बीच में जो जगह बची है उस जगह से प्रवेश कर खेतों में घुस गया। और रात भर धान की फसल खाकर बर्बाद कर दी साथ ही लीची केले बगीचों को काफी नुकसान पहुंचाया है। हाथी अकेला है जो पूर्व में भी बहुत तबाही मचा चुका है। जब से सोलर फेंसिंग लाइट करंट वाले तार लगाए गए हैं तब से झुडंं वाले हाथी गांव की तरफ प्रवेश नहीं कर रहे हैं। मगर यह अकेला हाथी धान की फसल खाने को गांव में प्रवेश कर रहा है। अब तक जानकारी यह है कि हाथी धान और गेहूं की फसल तैयार होते ही गांव में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे फसलों के साथ-साथ मानव को भी खतरा होता है।पूर्व में थ्वालखेड़ा मे हाथी द्वारा जान माल का नुकसान भी हुआ है।इस दौरान ग्रामीणों ने काफी टीन कनस्तर बजाकर हाथी को भगाने की कोशिश की मगर हाथी टस से मस नहीं हुआ। ग्रामीणों द्वारा लगाए गए टॉर्च के उजाले में अकेला हाथी साफ दिखाई दे रहा था। हाथी अपनी मर्जी से सुबह पेट भरने के बाद 5:00 बजे जंगल को चले गया। इस दौरान जयमल सिंह, मनोहर राम, लाली राम, हरीश रावत ,अंबा जोशी , हरीश लापड, पुष्कर लापड आदि किसानों की फसलों को को नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को कई बार फोन करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया ।






