टनकपुर।टनकपुर के शारदा चुंगी के पास स्तिथ सीताराम मन्दिर में गोवर्धन पूजा के अवसर पर भंडारे का आयोजन किया गया।
पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने बृजवासियों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को एक सप्ताह तक अपनी एक उंगली पर उठाकर रखा था और बृजवासियों की रक्षा की थी।
इस दिन गोबर से गोवर्धन बनाये जाते है और उनकी पूजा करते हुए अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
अन्नकूट क्या है?
अन्नकूट कई तरह की सब्जी व अनाज के समूह को कहा जाता है।इस दिन व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार 21,51,101,108 सब्जियों को मिलाकर सब्जियों का मिश्रण बनाया जाता है,जिसका भोग भगवान गोवर्धन को लगाया जाता है,साथ ही विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाने की भी परंपरा है।
इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए टनकपुर के सीताराम मन्दिर में गोवर्धन पूजा के अवसर ओर प्रति वर्ष अन्नकूट के भंडारे का आयोजन किया जाता है।कोरोना प्रोटोकॉल में दी गई छूट के बाद पहली बार आयोजित हुए भंडारे के लिए श्रद्धालुओं में बहुत उत्साह देखने को मिला।मन्दिर में भगवान के दर्शन को भारी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिली, जिन्होंने भंडारे में प्रसाद भी ग्रहण किया।
मन्दिर समिति के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने भगवान गोवर्धन व भगवान श्री कृष्ण से क्षेत्र की शांति,सुख,सुरक्षा व समृद्धि की कामना की।