
दिल्ली। केंद्र सरकार चुनाव सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। केंद्र सरकार ने अब मतदाता सूची को आधार से जोड़ने का मन बना लिया है।इसके लिए सरकार ने सोमवार को लोकसभा में विधेयक पेश करने की तैयारी कर ली है।मतदाता सूची को आधार से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति के एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की खामी पर रोक लगाकर फर्जी मतदान की सम्भावना को खत्म करना है।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को चुनाव सुधारों से जुड़े इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी थी और सरकार ने बिना देरी किए शीतकालीन सत्र में ही इसे पेश करने का एजेंडा तय कर लिया है। इस विधेयक के मसौदे में स्पष्ट है कि फर्जी मतदान और वोटर लिस्ट में दोहराव रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार से जोड़ा जाएगा। इस विधेयक के कानून बनते ही चुनाव सुधारों की दिशा यह एक अहम कदम जुड़ जाएगा।
गौरतलब है कि मतदान में होने वाली गड़बड़ियों की आशंका को खत्म करने के लिए लंबे समय से मतदाता सूचियों के दोहराव और एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र की शिकायतें की जा रही हैं। आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़े जाने के बाद वोटर केवल एक ही जगह मतदाता सूची में अपना नाम रख सकता है। दोहराव की कोशिश आधार नंबर से पकड़ में आ जाएगी।
मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का सुझाव केंद्र को भेजा था। उसी के अनुरूप सरकार यह विधेयक ला रही है।



