
जिलाअधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने अवगत कराया कि मा उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देहरादून से प्राप्त पर्यावरण एवं वनमंत्रालय, भारत सरकार के ध्वनिप्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) अधिनियम-2000 के प्रस्तर 3.5 में उल्लिखित प्राविधानों में दी गयी व्यवस्था के अनुसार लाउडस्पीकर माईक आदि ध्वनि प्रदूषण यंत्रों का उपयोग न्यायालय परिसर/ अस्पताल, शैक्षिक संस्थानों, आदि स्थानों के 100 मीटर परिधि में निषिद्ध किया गया है। परंतु जनपद चम्पावत अन्तर्गत स्थित न्यायालय परिसरों, मा०मुख्यमंत्री जी के कैम्प कार्यालयों के समीप विभिन्न कर्मचारी संगठनों, राजनैतिक दलों,छात्र संगठनों, ग्रामीणों एवं अन्य के द्वारा धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस आदि कार्यक्रमों में ध्वनि प्रदूषण यंत्र यथा लाउडस्पीकर, माईक आदि का प्रयोग किया जा रहा है, जो कि उक्त प्राविधानों का उल्लंघन है।
जिलाधिकारी/ जिला मजिस्ट्रेट चम्पावत नरेन्द्र सिंह भंडारी ने उक्त सम्बध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि मा०उच्च न्यायालय के निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए ध्वनि प्रदूषण (विनयमन एवं नियंत्रण) अधिनियम-2000 के प्रस्तर 3.5 में उल्लिखित प्राविधानों के अन्तर्गत जनपद चम्पावत अन्तर्गत स्थित समस्त न्यायालय परिसरों,अस्पतालों, शैक्षिक संस्थानों एवं मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय चम्पावत व टनकपुर के 100 मीटर क्षेत्र को Silence_Zone घोषित किया जाता है। उक्त क्षेत्र,परिधि में विभिन्न कर्मचारी संगठनों राजनैतिक दलों, छात्र संगठनों,ग्रामीणों एवं अन्य के द्वारा धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस आदि कार्यक्रमों के आयोजन को उक्तानुसार प्रतिबन्धित किया जाता है।
इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा जिले के समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट,अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका व नगर पंचायत को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत कार्यालय परिसर से 100 मीटर की परिधि के बाहर किसी क्षेत्र को विभिन्न कर्मचारी संगठनों,राजनैतिक दलों,छात्र संगठनों,ग्रामीणों एवं अन्य द्वारा आयोजित किये जाने वाले धरना प्रदर्शन आदि कार्यक्रमों हेतु धरना स्थल के रूप में चिन्हित करते हुए चिन्हित स्थल का जन सामान्य में प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए हैं ताकि विभिन्न कर्मचारी संगठनों,राजनैतिक दलों, छात्र संगठनों,ग्रामीणों एवं अन्य को अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग में कठिनाई न हो।



