टनकपुर। चम्पावत जिले के जीआइसी सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति का विवाद बढ़ता ही जा रहा था और मामले में मुख्यमंत्री तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने डीआइजी को जांच के निर्देश दिए हैं।इस विवाद को हल करना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था। मामले को हल करने के लिए शनिवार को महकमे के अफसरो ने बहुत जद्दोजहद की और आखिरकार उन्हें सफलता हाथ लगी।
मालूम हो कि जीआइसी सूखीढांग में बीते दिनों भोजन माता की नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में सुलझा लिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर विद्यालय पहुंचे एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की। काफी वार्ता के बाद दोनों पक्षों के विवाद को खत्म करते हुए आम सहमति बनाई गई। बैठक में दोनों पक्षों के लोगों ने जातिगत भेदभाव से उपर उठकर पूर्व की भांति आपसी भाईचारे के साथ समाज तथा बच्चों की बेहतरी के लिए कार्य करने का निर्णय लिया,वही ग्रामीणों ने कहा कि मामले में बाहरी लोगों का दखल किसी तरह से बर्दाश्त नही किया जाएगा,चूंकि यह गांव का आंतरिक मामला है इसलिए ग्रामीण ही इसे आपस मे सुलझाएंगे।दोनो पक्षो में सहमति होने के पश्चात यह तय हुआ कि ग्राम प्रधान आयोग को भेज हुआ अपना पत्र वापस लेंगे वही इस्तीफा दे चुके उप-प्रधान व वार्ड सदस्य भी अपना इस्तीफा वापस लेंगे।
नियुक्ति की निष्पक्ष जांच के लिए डीएम विनीत तोमर ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है। समिति में दो सदस्य दूसरे विभागों के होंगे। मुख्य शिक्षाधिकारी आरसी पुरोहित की अध्यक्षता में बनने वाली इस जांच समिति में दो सदस्यों में एक महिला और दूसरा अनुसूचित जाति वर्ग का अधिकारी होगा। समिति एक हफ्ते में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट देगी।