टनकपुर। खनन व्यवसायियों द्वारा बैराज मार्ग पर एनएचपीसी द्वारा वाहनों से शुल्क वसूलने का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पास शुल्क के नाम पर प्रत्येक वर्ष एनएचपीसी द्वारा वाहनों से शुल्क तो वसूला जाता है, परंतु वाहनों को कोई सुविधा नहीं दी जाती। सोमवार को खनन कारोबारियों ने बैराज गेट के पास प्रदर्शन कर खनन कार्य बंद रखा। कारोबारियों ने बताया कि कई वर्षों से एनएचपीसी पास के नाम पर लाखों रुपए वसूल चुकी है। उन्होंने शीघ्र ही शुल्क समाप्त करने की मांग की। व्यापारियों के प्रदर्शन की सूचना पर वन विभाग के एसडीओ आरके मौर्य मौके पर पहुंचे और एनएचपीसी महाप्रबंधक से बात करने की बात कही। उन्होंने एनएचपीसी महाप्रबंधक से बात कर कहा कि यह क्षेत्र एनएचपीसी को लीज पर दिया गया है जिस पर वन और खनिज निकासी को लेकर कोई शुल्क नहीं लगाया जा सकता। एनएचपीसी अधिकारियों द्वारा शुल्क न वसूलने के आश्वासन के बाद खनन कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है।
इधर इस मामले में खनन व्यवसायी 2 गुटों में बंट गए है और यूनियन उपाध्यक्ष अमजद हुसैन के नेतृत्व में जहां एक गुट ने बैराज गेट पर शुल्क का विरोध किया तो वहीं दूसरा गुट शुल्क अदा करने के पक्ष में है।
यूनियन अध्यक्ष आनन्द महर ने कहा कि कुछ लोग शुल्क के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।
इधर शारदा नदी के धर्म कांटे वाले मार्ग को एनएचपीसी ने बंद कर दिया है। जिससे खनन व्यापारी नाराज हो गए हैं। एनएचपीसी के महाप्रबंधक राजीव सचदेव ने बताया कि यह मार्ग एनएचपीसी का निरीक्षण मार्ग है, जहां भारी वाहनों की आवाजाही से उन्हें दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर बना पुल भी भारी वाहनों की क्षमता के लिए उपयुक्त नहीं है।