
टनकपुर। जीआईसी सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।कुछ दिनों पूर्व हुई दलित भोजन माता की गलत तरीके से की गई नियुक्ति के पश्चात विवाद पैदा हुआ था,और विरोध होने पर मामले को जातिगत रंग देने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद भोजन माता की नियुक्ति रद्द कर विवाद को शांत करने का प्रयास किया गया था,परन्तु अब एससी वर्ग के विद्यार्थियों ने सामान्य वर्ग की भोजनमाता का विरोध कर मध्याह्न भोजन का बहिष्कार कर दिया है।
मालूम हो कि कुछ दिनों पूर्व जीआईसी सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति की गई थी, उसके पश्चात कुछ बच्चों ने भोजन माता के विरोध में मध्याह्न भोजन का बहिष्कार कर दिया था। विवाद बढ़ता देख मुख्य शिक्षा अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने भोजन माता की नियुक्ति प्रक्रिया की जांच कर भोजन माता की नियुक्ति को गलत बताकर नियुक्ति को रद्द कर दिया था। मामले में प्रधानाचार्य पर नियम विरुद्ध मनमाने ढंग से नियुक्ति देने का आरोप लगा था।
प्रधानाचार्य पर आरोप लगा था कि अभिभावक शिक्षक संघ की बैठक के पश्चात भोजन माता के पद पर सामान्य वर्ग की पुष्पा का चयन हुआ था, परंतु प्रधानाचार्य ने जबरदस्ती मनमाने ढंग से नियम विरुद्ध भोजन माता की नियुक्ति कर दी थी।नियम विरुद्ध हुई भोजनमाता की नियुक्ति का विरोध होने पर मामले को जातिगत रूप दे दिया गया था और अब भोजन माता की नियुक्ति रद्द होने के पश्चात एससी वर्ग के 23 विद्यार्थियों ने सामान्य वर्ग की भोजनमाता के विरोध में मध्याह्न भोजन का बहिष्कार कर दिया है। जिसके संबंध में विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा लिखा गया पत्र वायरल हो रहा है।
मामले में ग्राम प्रधान की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है,यहां तक कि ग्राम प्रधान से नाराज होकर उपप्रधान और वार्ड सदस्यों ने इस्तीफा भी दे दिया है,वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले में प्रधानाचार्य की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने डीआईजी को सूखीढांग मामले की जांच करने के आदेश दिए दिए हैं,जिसके बाद 2-3 दिन में डीआईजी के सूखीढांग इंटर कॉलेज आने की संभावना जताई जा रही है।



