
टनकपुर। टनकपुर के ग्रामीण क्षेत्र खेतखेड़ा-थ्वालखेड़ा में पशुओं में बीमारी फैलने से अब तक दो दुधारू जानवरो की मौत हो चुकी है,वहीं बीमार पशुओं के सम्पर्क में आने से अन्य जानवरों में भी यह रोग फैल गया है।डॉक्टर इसको खुरपका मुंहपका रोग बता रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया जानवरों के मुंह में छाले व जख्म बन जा रहे हैं जिससे वह चारा नहीं खा पा रहे हैं,साथ ही जानवरों को104 डिग्री तक बुखार आ रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि इस बीमारी से अब तक 6 से 7 परिवारों के पशु प्रभावित हो चुके हैं और अन्य पशुपालक भी अब भय मे जीवन जी रहे हैं।
मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्र मे कुछ लोगो की रोजी-रोटी सिर्फ दुग्ध उत्पादन पर ही निर्भर हैं और पशुओं में फैले रोग के कारण ग्रामीणों के आगे रोजी-रोटी का संकट भी पैदा होता दिख रहा है।
इस सम्बंध में पशु चिकित्सक डॉ डीके शर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया मुंहपका खुरपका रोग से जानवरों की मौत नहीं होती है, इसमें सिर्फ 6 महीने से छोटे जानवरों की ही मौत हो सकती है।उनका कहना है कि बड़े जानवर किसी अन्य बीमारी से मरे होंगे। उन्होंने सभी पशुपालकों को खुरपका रोग के लिए टीके लगाने का सुझाव दिया है।



