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टनकपुर -में महाशिवरात्रि पर्व पर शिव मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़ महादेव शिवलिंग पर किया जलाभिषेक।
महाशिवरात्रि पर्व बनाने की अनेक मान्यताएं हैं जिनमें एक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग प्रकाटय हुआ था। तथा एक मान्यता के अनुसार आज के दिन भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए हलाहल विष को पिया था और सृष्टि की रक्षा की थी। और इसके मध्य सुंदर नृत्य किया था। इस दौरान भक्त जनों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की यही पूजा आराधना आज महाशिवरात्रि पर्व के रूप में बनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार आज के दिन भगवान शिव पार्वती का विवाह हुआ था जिसको लोग महाशिवरात्रि पर्व के रूप में बनाते हैं। सदियों से लोग महाशिवरात्रि पर्व को श्रद्धा पूर्वक बनाते आ रहे तथा लोगों को वर्षों से शिवरात्रि का इंतजार भी रहता है। चकरपुर बनखंडी महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के दिन से कई हफ्तों तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है इसमें नेपाल से भी लोग पहुंचते हैं।आज महाशिवरात्रि के महापर्व पर टनकपुर के शिव मंदिरों में सुबह 6:00 बजे से ही भक्तों का आवागमन शुरू हो गया था। जिसमें पंचमुखी महादेव मंदिर व मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली ।लोगों ने कतार में लगकर भोलेनाथ बाबा के दर्शन किए। देखा गया कि टनकपुर में सबसे अधिक संख्या शिव मंदिरों की है। जिनमें भक्तगण भगवान भोलेनाथ के दर्शन को पहुंच रहे हैं। कोई सुबह नहा धोकर शारदा जी से जल ला रहा है तो कोई नल से जल लाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर रहे हैं। वही आज सुबह खटीमा से पहुंचे कावड़िए शारदा जी से जल लेकर खटीमा शिव मंदिर में शिव का जलाभिषेक करने को पहुंचे थे। कहते हैं भोलेनाथ इतने भोले हैं कि वह मात्र बिल्वपत्र और जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते है। भक्तो द्वारा दूध ,जल ,विल्वपत्र ,भांगपत्र ,धतूरा फल फूल बेर आदि शिवलिंग पर चढ़ाया जा रहा है। भोलेनाथ से मनोकामना भी मांग रहे है। इस दौरान मंदिरों में स्त्री, पुरुष, बच्चे सभी लोग भोलेनाथ के दर्शन पहुंच रहे हैं।