
नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में लोक उपक्रमों (पीएसयू) के उत्पादन में लागत में कमी की स्थिति और भविष्य के लिए कार्य योजना की समीक्षा के लिए इस्पात क्षेत्र के लोक उपक्रमों के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित हुई। इस दौरान श्री सिंह ने उत्पादन की लागत को प्रभावित करने वाले मापदंडों का वृहद और सूक्ष्म विश्लेषण करने की आवश्यकता पर जोर दिया और प्रतिकूल परिस्थितियों को अवसरों में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि आगामी छह माह में उपरोक्त मापदंडों में सुधार कर लागत में कमी की कार्य योजना तैयार कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। बैठक में यह बताया गया कि कोकिंग कोल, जिसका ज्यादातर आयात किया जाता है ही सबसे बड़ा लागत तत्व है। इस्पात मंत्री ने (लोक सार्वजनिक) उपक्रमों से कोक दर में कमी, चूर्णीकृत कोयला अन्तः क्षेपण (पल्वेराइज्ड कोल इंजेक्शन-पीसीआई) में वृद्धि और कोकिंग कोयले की खपत को कम करने तथा उत्पादन की लागत को कम करने के लिए पैलेटों के उपयोग में वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण लागत कटौती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। यह भी निर्देश दिया गया कि इन प्रौद्योगिक आर्थिक-मापदंडों की मासिक आधार पर इस्पात डैशबोर्ड के जरिए निगरानी की जाएगी।



