

तो आइए सरल भाषा मे आपको बताते हैं कि G 20 क्या है? भारत का इसमें क्या रोल है।G 20 समिट की अध्यक्षता इस बार भारत कर रहा है। इस को लेकर उत्तराखंड भी जोश में है । प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड को एक नहीं तीन-तीन बैठक का आयोजन करने का मौका दिया ताकि उत्तराखंड की लोक संस्कृति लोक कला और सांस्कृतिक विरासत को विश्व में नई पहचान मिल सके।
G20 समिट में शामिल होने उत्तराखंड के उधमसिंह नगर पहुंचे विदेशी मेहमानों का जोरदार स्वागत लोक नृत्य झोड़ा से किया गया,जिसमे कलाकारों ने लोक परिधान कुमाऊंनी पिछौड़ा और पुरुषों ने कुर्ता पायजामा आँगड़ी पहनकर उत्तराखंड की संस्कृति से सभी को परिचित करवाया।
उत्तराखंड के रामनगर में G20 समिट कार्यक्रम की तारीख 28 से 30 मार्च तक रखी गयी है। अखबारों से लेकर न्यूज़ चैनलों में हर जगह G20 समिट की ही चर्चाएं है। कई लोग ये जानते भी नहीं कि आखिर G20 समिट क्या है? G 20 को Group of Twenty भी कहा जाता है। इसका गठन 1999 में हुआ था। ये यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का अनौपचारिक ग्रुप है। G20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। G20 शिखर सम्मेलन में ग्रुप में शामिल सभी देशों के नेता हर साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं।भारत को इस बार 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G 20 की अध्यक्षता की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया था। इसके बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद यह तय किया गया कि साल में एक बार G-20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी।
आपको ये भी बता दें कि G-20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं। वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। शेरपा पक्ष की ओर से G-20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समूह हैं जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है। यह कार्य समूह हर अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं। शेरपा पूरे साल के दौरान हुई वार्ताओं का पर्यवेक्षण करते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडे पर चर्चा करते हैं। G 20 का सबसे बड़ा मकसद आर्थिक सहयोग है। इसमें शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनियाभर के देशों की 80 फीसदी है।
G 20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।
इस समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसकी अध्यक्षता ट्रोइका द्वारा समर्थित है। पिछला, वर्तमान और आने वाला अध्यक्षता (ट्रोइका)। भारत की अध्यक्षता के दौरान ट्रोइका में इंडोनेशिया (पूर्व अध्यक्ष), भारत (वर्तमान अध्यक्ष) और ब्राजील (वर्ष 2024 में अध्यक्षता) शामिल होंगे।
भारत का G-20 अध्यक्षता का विषय ‘वसुधैव कुटुंबकम’ या ‘एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य’ है। इसे महाउपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है।
ऐसा है G-20 का लोगो
G-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों-केसरिया, सफेद, हरे और नीले रंग से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है।
भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत यूएन सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य भी बना है। यूएन सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग का रूस और अमेरिका ने समर्थन भी किया था।