
उत्तराखंड कई तरह की संस्कृति और परम्पराओं से समृद्ध है यहां कई तरह की संस्कृति देखने को मिलती हैं। प्रदेश की संस्कृतियों से अलग है देवीधुरा का बग्वाल मेला, जिसमें पत्थरों से युद्ध होता है। इस बार चंपावत जिले में देवीधुरा का प्रसिद्ध बग्वाल मेला 12 दिन तक चलेगा। आठ अगस्त को मेले का शुभारंभ होगा। मुख्य मेला 12 अगस्त रक्षा बंधन के दिन होगा। इस दिन बग्वाल खेली जाएगी। 19 अगस्त को मेले का समापन किया जाएगा। मेले के शुभारंभ के लिए सीएम धामी को न्यौता दिया जाएगा। प्रशासन, मंदिर समिति और ग्रामीणों की बैठक में ये निर्णय लिया गया।




सोमवार को मां वाराही मंदिर सभागार में बग्वाल मेले को लेकर बैठक हुई। बैठक में मेले की व्यवस्थाओं को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। कोरोना की वजह से दो साल मेला नहीं हो सका था। इसी को देखते हुए इस बार मेले को भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया गया। पीठाचार्य कीर्तिबल्लभ जोशी के संचालन में हुई बैठक में मेले के सीधे प्रसारण के लिए चार स्थानों पर एलईडी लगाने की मांग की। सफाई व्यवस्था के लिए 25 पर्यावरण मित्र अतिरिक्त तैनात करने और अस्थाई शौचालय बनाने को कहा गया। 11 अगस्त को रक्तदान शिविर लगेगा। बग्वाल के दिन दो हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात करने की मांग की। साथ ही पांच किमी के हिस्से को मेला क्षेत्र घोषित करने को कहा। इसके अलावा हर व्यापारी का पंजीकरण कराने, नालियों के ऊपर फड़ नहीं लगाने, पॉलीथिन में प्रतिबंध, तीन दिन शराब की दुकान बंद रखने और अतिरिक्त बस चलाने का निर्णय लिया। डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि कोर्ट के निर्देशानुसार बग्वाल खेली जाएगी। उन्होंने बताया कि मेले को विभागीय मेला घोषित किया गया है। इसके लिए शासन से एक करोड़ रुपये की मांग की गई है। उन्होंने सभी विभागों को शीघ्र अवशेष कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। विधायक खुशाल सिंह अधिकारी और जिपं अध्यक्ष ज्योति राय ने हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।