टनकपुर से लगे ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथी 25 से 30 वर्षों से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक मचाते आ रहे हैं ।जहां उन्होंने धान और गेहूं की फसल नष्ट करने के बाद ग्रामीणों को कुचल कर मौत के घाट भी उतारा हैं। वहीं अब जंगली हाथी दिन में इंसानों का डर नहीं रह गया है। जी हां उचौलीगोठ गांव की यह घटना है। जहां हाथी अब दिन के उजाले में भी घरों के आसपास फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। साथ ही पूर्णागिरि धाम में बड़ी संख्या में नवरात्रि में श्रद्धालु भी पैदल चल दर्शन को पहुंच रहे हैं। और यह गांव पूर्णागिरि सड़क मार्ग से ही लगता है। जहां कुछ सप्ताह पूर्व हाथी दिन के उजाले में भी श्रद्धालुओं के बीच से निकलते हुए दिखाई दिया था। उचौलीगोठ के रहने वाले अजय कंनवाल ने बताया कि हाथी उनके घर के पास दिन के उजाले में भी घूम रहा था। ग्रामीणों ने डर के मारे चुप रहे तथा जरा भी आवाज नहीं निकाली जिस प्रकार से हाथी घरों के पास दिन के उजाले में खड़ा है जरा भी शोर मचाने पर वह उन पर हमला कर सकता था। जिस कारण ग्रामीणों में भय व्याप्त रहा और उन्होंने हाथी के जाने का इंतजार किया उचौलीगोठ में काश्तकार अजय कंनवाल ,ऋषभ महर ,कृष्णानंद जोशी की फसलों को हाथी ने रात्रि में आकर नुकसान पहुंचाया ।और दिन के उजाले तक घरों के आसपास घूमता रहा ग्रामीणों ने बताया कि यह हाथी भगाने पर लोगों के पीछे दौड़ पड़ता है। हाथी इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहा हैं और वन विभाग हाथ में हाथ धरे बैठा पड़ा है। 2 माह पूर्व हल्द्वानी वन प्रभाग डीएफओ बाबूलाल ने मार्च माह में हाथी सुरक्षा तार लगाने की बात कही थी। जिसमें अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है ऐसे में अगर किसी इंसान का सामना अचानक हाथी से हो गया तो उसकी मौत का जिम्मेदार कौन रहेगा ।
पत्रकार टनकपुर टाइम्स पुष्कर सिंह महर