मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के तहत मिलने वाले चारे को लेकर पशुपालकों व महिलाओं में काफी मांग बढ़ी हुई है ।हालात यह है कि इस चारा योजना के तहत आने वाले ट्रक के आते ही टुकटुक , पिकअप वाहनों, मोटरसाइकिल ,और साइकिल की लंबी कतारें लग जाती हैं। तथा पशुपालकों द्वारा 15 से 20 चारे के कट्टो को हाथों हाथ खरीद लिया जा रहा है। और ना मिलने के डर से उसको स्टॉक भी कर लिया जा रहा है। खेतखेड़ा ग्राम की रहने वाली महिला ने बताया कि इस समय जंगलों व स्थानीय चरागाह में चारे की भारी कमी हो रही है। खेतों में भी उपयुक्त चारा पैदा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यह चारा उनके पशुओं के लिए चारे की पूर्ति कर रहा है। मगर इसमें लगातार दामों में बढ़ोतरी की जा रही है उन्होंने बताया कि इस समय उन्हें यह एक कट्ठा ₹67 का पड़ता है और टुकटुक के किराए को मिलाकर घर तक यह ₹77 का हो जाता है। वही पशुपालक दशरथ सिंह ने बताया कि इसके रेट कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाते हैं इस बार मुझे एक कट्टा ₹65 का दिया गया तो कभी 60 का दिया जाता है। इनके कोई दाम तय नहीं रहते हैं। फिलहाल घस्यारी योजना के तहत इस चारे की भारी मांग टनकपुर क्षेत्र में देखी जा रही है । ट्रक आते ही चारा खत्म हो जाता है जिससे कई लोगों को मायूस लौटना पड़ता है।