

टनकपुर शारदा चुंगी पर बना शारदा स्नान घाट अब मौत का घाट बन चुका है। जिसमें अब तक कई श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया है। वहीं कुछ लोगों की डूबकर मौत हो चुकी है । आज शारदा स्नान घाट पर 2 श्रद्धालु नहाते वक्त शारदा के तेज बहाव में बहने लगे जल पुलिस रविंद्र पहलवान व स्थानीय तैराक सुरज शर्मा द्वारा अमन पिता का नाम पंडित सुरेश चंद शर्मा, व सनी पिता का नाम प्रमोद कुशवाहा जिला एटा वार्ड नंबर 24 उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया । श्रद्धालुओं के साथ ही उनके परिजनों ने जल पुलिस व स्थानीय तैराक का बहुत ही आभार जताया। आपको बता दें शारदा घाट पर अब तक कई श्रद्धालु व स्थानीय लोगों की डूबने से बचाया गया है जल पुलिस रविंद्र कुमार के अनुसार जिनकी संख्या 1000 से ऊपर पहुंच चुकी है । साथ ही जल पुलिस टीम मे पहलवान रविंद्र कुमार ने बताया कि अब तक स्थानीय तैराक सूरज शर्मा व उसके साथियों द्वारा भी 200 से अधिक श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया है। शारदा घाट मैं लाखों रुपए खर्च कर कई बार स्नान घाट का निर्माण किया गया है। मगर शारदा घाट के उफनाते प्रचंड वेग के आगे यह हर वर्ष धराशाई हो जाता है। जिससे शारदा घाट के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी कई सवाल उठते हैं। खनन के कारण शारदा नदी गांव को तबाह करते हुए शारदा चुंगी के इलाकों में शारदा घाट को भी तबाह कर रही है ।उसके बावजूद भी शारदा नदी के वेग को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम ना करते हुए बार-बार लाखों रुपए खर्च कर स्नान घाट बनाया जाता है ।शारदा स्नान घाट में 6 मीटर सीमेंट की दीवार देकर इस वर्ष घाट का निर्माण किया गया है । शारदा घाट निर्माण के दौरान जितने मीटर सीमेंट की दीवार बनाई गई है उतना ही शारदा घाट पर गहराई भी बन गई है ।जिससे वहां पर अती गहरा कुंड बना हुआ है। जिसमें यात्रियों के डूबने का भय बना रहता है। प्राकृतिक बने हुए शारदा घाटों में इतनी गहराई नहीं होती है निर्माणाधीन स्नान घाट में पानी का वेग टकराने से गहरा कुंड बन जाते हैं। वहीं सफाई के मामले में -शारदा घाट में बोरागोठ से लेकर टनकपुर शहर का गंदा नाला व लोगों की लैट्रिन के पाइप भी जोड़े गए हैं ।और वह गंदा नाला शारदा स्नान घाट पर ही छोड़ा गया है। और जहां पर श्रद्धालु स्नान कर पूर्णागिरि दर्शन को जाते हैं। साथ ही स्नान घाट के ऊपर श्मशान घाट में शवदाह किए जाते हैं। जिस पर शव की अधजली लकड़ियां कपड़े बहाये जाते हैं। उसके बावजूद भी इस स्थान पर शारदा स्नान घाट बनाया गया है। लगातार डुबने से कुछ लोगों की मौतें भी हुई हैं। इसके बावजूद भी शासन प्रशासन का कोई ध्यान आकर्षित नहीं होता है।जहां डॉक्टर एक जान बचाने के लाखों रुपए ले लेता है। वही स्थानीय लोग व जल पुलिस द्वारा कई लोगों को डूबने से बचाया गया है । जिनका सम्मान पुरस्कार भी नहीं किया गया । स्थानीय तैराक सूरज शर्मा का कहना है कि इतने लोगों को बचाने के बावजूद भी हमे सम्मान दिलाने के लिए भी कहना पड़ता है। वहीं सुरज शर्मा बेरोजगार भटक रहा है।शासन प्रशासन को सिर्फ घाट बनाने से मतलब है। उस घाट के बनने से वहां पर किस तरह के खतरे पैदा हो गए हैं ।उससे शासन प्रशासन को कोई औचित्य नहीं है।






