मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है जहां सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरी धाम में रुद्रपुर ,हल्द्वानी, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ ,उत्तर प्रदेश, नेपाल आदि क्षेत्र से श्री श्रृद्धालु लगातार मां पूर्णागिरि धाम पहुंच रहे हैं।जिसको लेकर नव वर्ष के शुभारंभ पर होने वाले मां पूर्णागिरि धाम मेले में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं चाकचौबंद होगी। पार्किंग क्षेत्र में श्रद्धालुओं से अभद्रता होने पर कार्रवाई होगी। इससे बचाव के लिए शुल्क वसूलने वाले कर्मियों को निर्धारित ड्रेस और परिचयपत्र गले में लटकाना जरूरी किया गया है। भंडारा सिर्फ ठूलीगाढ़ में लगाया जा सकेगा। शनिवार को तहसील सभागार में एसडीएम आकाश जोशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिए गए।प्रशासन को उम्मीद है कि मेले में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। तेज गति पर नियंत्रण और जीप-टैक्सी चालकों को नशाखोरी से रोकने के लिए एल्कोमीटर से जांच करने के परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए। मेला क्षेत्र में चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। एसडीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी इंतजाम 30 दिसंबर तक पूरा कर लिए जाएं। बैठक में मेला समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी, पूर्व अध्यक्ष भुवन पांडे, सीओ अविनाश वर्मा, एनटी जगदीश गिरि, लोनिवि के सहायक अभियंता एलएस सामंत, उप जिला अस्पताल के डॉ. वीके जोशी, ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी, ऊर्जा निगम के जेई नरेंद्र श्रीवास्तव, चौकी प्रभारी अरविंद गुप्ता, टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन कुमार, जिला पंचायत के हितेश जोशी, जल संस्थान के रमेश लाल आदि मौजूद थे। आज रविवार के दिन 3000 से अधिक श्रद्धालुओं ने मां पूर्णागिरि धाम में मां पूर्णागिरि के दर्शन किए।
ये निर्णय लिए गए-
जिला पंचायत से बूम, ठुलीगाड़ और भैरव मंदिर में अलाव की व्यवस्था होगी।
मेला क्षेत्र में 10 पर्यावरण मित्र तैनात होंगे।
बाटनागाढ़ में चार सोलर लाइट लगाई जाएंगी।
पालाग्रस्त सड़कों पर चूना और नमक का छिड़काव किया जाएगा।
चिलियाघोल के पास मार्ग पर पैरापिट और गति अवरोधक लगाए जाएंगे।
पेयजल लाइन ठीक करने के साथ ही टैंकर से पेयजल व्यवस्था।
संवेदनशील वन क्षेत्रों में जंगली जानवर से सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे।