टनकपुर-राष्ट्रीय राजमार्ग टनकपुर में वाहनों द्वारा दुर्घटनाग्रस्त गोवंश की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है । गायों की सेवा कर रहे शिवराम ने बताया जुलाई माह में वाहन द्वारा दुर्घटना की शिकार हुए गोवंश में सात घायल गायों ने दम तोड़ा तथा कई गोवंश पैरों में लगी चोट के कारण उठने में असमर्थ हैं ।साथ ही कई गोवंश के पैर टूट कर खराब हो चुके हैं इन गौवंशों का टनकपुर मैं खंडहर के अंदर देखरेख की जा रही है। गौ सेवकों द्वारा घायल गायो की दवाई व चारे की व्यवस्था कर मदद की जाती है मगर दिनभर इनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं सिर्फ एक दो सेवक इन बढ़ रही घायल गायों की देखभाल कर रहे हैं। इस समय घायल गौशाला में गोवंशो की संख्या 62 हो गई है तथा इनमें एक घोड़ा भी है। इन गोवंश की गौ सेवकों द्वारा भूसा चारा की व्यवस्था की जाती है मगर किसी समय ऐसा भी आता है जब उनके खाने के लिए लोगों से चारे की मदद मांगनी पड़ती है। तथा कई घायल पैर टूटे हुए गोवंश की दवाई की भी व्यवस्था मांग कर ही करनी पड़ती है। साथ ही इस घायल गौशाला में खटीमा, चकरपुर, बनबसा ,टनकपुर वह सुखीढांग चम्पावत जिला से भी घायल गायों को पहुंचा दिया जाता है। इस तरह राष्ट्रीय राजमार्ग में खड़े गोवंश से गाय नंदी के साथ-साथ मानव के दुर्घटना का भय बना रहता है। आज काली कुमाऊं एवं पर्यावरण नदी विकास समिति के सचिव द्वारा इन घायल गोवंशो के आर्थिक सहायता व संरक्षण करने हेतु मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में ज्ञापन भी दिया गया।