इस वर्ष आम की बागवानो में बौर तो बहुत आई मगर चेपा रोग के चलते बागवानी कर रहे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आम में चेंपा नाम का रोग लगने से आम की बोर खत्म हो गई थी जिससे आम के पेड़ों में आम के दाने गिर चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस बार आम में चेंपा नाम का रोग लग गया है चेंपा एक बहुत ही छोटा कीट होता है जो तिलचट्टे की तरह दिखाई देता है मगर यह मच्छर के बराबर होता है जो आमो की बोरों का रस चूसता रहता है ।और यह कीट पूरा पेड़ मे चिपचिपा पदार्थ गिराता है जिससे पूरा पेड़ में चिपचिपा पदार्थ गिरने से चमकने लगता है। साथ ही आम के पेड़ में एक भी आम का दाना नहीं रह गया है सिर्फ बोर की डडीया ही शेष बची है। ग्रामीण महिला माया देवी ने बताया कि इस रोग के कारण आम के पेड़ में एक भी दाना शेष नहीं बचा है।यह हाल टनकपुर के कई ग्रामीण इलाकों में देखा जा रहा है ग्रामीण इलाकों में आम के पेड़ों का ठेका लेने वाले ठेकेदार कल्लू ने बताया कि इस बार आम की फसल से ग्रामीणों को और हम ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है और आम की फल ना रुकने के कारण आम की पैदावार कम हो सकती है । उन्होंने कई तरह की दवाइयों का छिड़काव आम के चेंपा रोग हटाने के लिए प्रयोग किया था मगर उसके बावजूद भी यह रोग समाप्त नहीं हूआ। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि इस बार चेंपा रोग ने हमारी आम के बगीचे बर्बाद कर दी है। टनकपुर में इस रोग से लगे क्षेत्रों में खेतखेड़ा, थ्वालखेड़ा, गैडाखाली, उचोलीगोठ, आमबाग वह अनेक गांव आए हैं। खेतखेड़ा में दशरथ सिंह, पुष्कर सिंह ,दलीप सिंह ,गोपाल सिंह आदि किसानों ने रोग लगने के कारण आम की फसल बर्बाद होने की बात कही।