
चम्पावत। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामचंद्र चौड़ाकोटी जीआईसी सूखीढांग में भोजन माता की नियुक्ति को लेकर बड़ा विवाद हो गया है।दलित भोजनमाता के साथ हुए भेदभाव के विरोध में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सूरज प्रहरी भी कूद पड़े हैं। उन्होंने सूखीढांग में कुछ लोगो पर जातिगत भेदभाव फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा है कि विद्यालय में भोजनमाता के पद पर सुनीता देवी का चयन नियमों के अनुसार हुआ है,और अब उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दलित महिला को न्याय नहीं मिला तो वे दलित महिला को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे।
सूरज प्रहरी ने कहा है कि नियमों के तहत का विद्यालय प्रशासन कमेटी एवं पीटीए कमेटी के सदस्यों की सहमति से सुनीता देवी का चयन किया गया है। सरकार के शासनादेश के अनुसार एससी महिला व सबसे छोटी कक्षा में अध्ययनरत पाल्य का चयन वरियताक्रम के अधार पर होना था। जिसमें पीटीए अध्यक्ष नरेन्द्र जोशी द्वारा अपनी चचेरी बहन को भोजना माता के पद पर नियुक्ति दिलवाना चाहते थे, जो मानकों के अन्तर्गत नहीं था। मानकों में सुनीता देवी पत्नी प्रेम राम की नियुक्ति होने के पश्चात् दो दिन विद्यालय में सभी बच्चों ने भोजन किया, परंतु
पीटीए अध्यक्ष सहित कुछ अन्य लोगों को यह बात पसन्द नहीं आई और इन लोगों द्वारा अपने बच्चों को सिखाकर भोजन करने से मना करवा दिया। जिस कारण बच्चों ने भोजन माता द्वारा बनाये गए भोजन का बहिष्कार किया और जातिगत भेदभाव फैलाने की कोशिश की गई। कांग्रेस नेता ने महिला को जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित करने का भी आरोप लगाया है।सूरज प्रहरी ने कहा कि समाज में आपसी भाईचारा क़ायम है, परंतु कुछ लोग समाज में जातिगत भेदभाव फैला कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि दलित समाज को भी जीने का पूरा अधिकार है और सरकार द्वारा बनाये गए नियमो के आधार पर ही वे विभिन्न विभागों में होने वाली नियुक्ति के लिए आवेदन करते हैं। आंगनबाड़ी में सहायिका, कार्यकत्री अथवा भोजन माता के पद सरकार द्वारा निर्धारित किये गए हैं। जिसे वरीयताक्रम के आधार पर भरे जाने की प्रकिया में कई आंगनबाड़ी केन्द्रों में वरीयताक्रम से हटकर भी नियुक्तियां दी गई हैं,जिसका दलित समाज के लोगों ने कभी विरोध नहीं किया, तो फिर दलित समाज के लोगों के साथ ये भेदभाव क्यो?
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ऐसे लोगों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें, जो सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ कर इसे जातिगत रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। सूरज प्रहरी ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि भोजन माता के पद पर नियुक्त महिला द्वारा ऐसे लोगों के नाम जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से भेजे हैं। उन्होंने प्रशासन से बिना देर किये कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कल इस सम्बन्ध में जीआईसी सूखीढांग में एक बैठक रखी गई है,जिसमें वो भी शामिल होंगे। सूरज ने कहा है कि आज बड़ा दुख हो रहा है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की धरती रही सूखीढांग में जातिवाद फैल रहा है। जिन्होंने सभी समाज के लोगों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। आज इस तरह की बातों से वहां के लोगों ने अपने पूर्वजों की आत्मा को दुखी करने का काम किया है।



