‘ हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ , मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले। या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ आज 14 फरवरी को बसंतपंचमी का पावन पर्व बनाया जा रहा है ,बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है, जो सभी ऋतुओं का राजा है। बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का पर्व मनाया जाता है बसंत पंचमी को देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। वही टनकपुर के पावन शारदा घाट पर लोग पवित्र डुबकी लगाने व धार्मिक कार्य पूजा अनुष्ठान, जनेऊ संस्कार, बाल मुंडन व अन्य धार्मिक कार्यों को करने पहुंच रहे हैं। शारदा घाट पर जनेऊ संस्कार करने पहुंचे खेम राज भट्ट ने बताया कि आज बसंत पंचमी का दिन है तथा मां सरस्वती का भी दिन है आज का दिन बहुत पावन है इस दिन जनेऊ ,बाल मुंडन, वह अन्य धार्मिक कार्य करना बहुत शुभ होता है। वहीं भारत नेपाल बॉर्डर के बीच बह रही शारदा नदी में अनेको श्रद्धालु डुबकी लगाने भी पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के दिन बड़े लोगों द्वारा पतंग भी उड़ाई जाती है आसमान में अनेको रंग बिरंगी पतंग देखने को मिलती है और आज लोग पीला वस्त्र भी धारण करते।