बद्रीनाथ धाम में कपाट प्रक्रिया बंद होने के बादश्रीनगर गढ़वाल पहुॅचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सिद्वपीठ कमलेश्वर महादेव मंदिर में सहस्त्रकमल पूजा की। इस दौरान उन्होनें यहॉ भक्तों से मुलाकात भी की। बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के बाद जोशीमठ समेत हरियाली देवी व अन्य क्षेत्रों का भ्रमण कर शंकराचार्य श्रीनगर गढ़वाल पहुॅचे। यहॉ रात्री विश्राम के बाद सुबह उन्होनें कमलेश्वर महादेव की पूरा अर्चना की। मीडिया से वार्ता करते हुए उन्होनें बताया कि दशनामी समाज को अंकित करने के लिए जो समीति बनाई जा रही है उसके विश्व प्रमुख की जिम्मेदारी कमलेश्वर मंदिर के महंत को दी गई है। साथ ही उन्होनें अंकिता हत्याकांड व श्रद्वा हत्याकांड को लेकर कहा कि जिस संस्कृति में माता बहनों का पूजा की जाती थी उस देश में क्या हो रहा है यह सोचनीय विषय है, अगर पूरानी परंपराओं को जीवित नहीं रखा गया तो इस तरहे की घटनायें बढ़ती रहेगी। वहीं केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में चढ़ाये गये सोने की परत पर बयान देते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि इससे मंदिर के जो मूल पत्थर है उनकी आयु कम हो जायेगी। ऐसा शोध में भी पाया गया है कि पत्थरों पर किसी तरह की कोई परत चढ़ाने से उनकी आयु पर प्रभाव पड़ता है।