

उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार स्मेक व नशीली दवाइयों का कारोबार बढ़ते जा रहा है। जहां उत्तराखंड पुलिस द्वारा आए दिन नशे के सौदागरो की लगातार धरपकड़ की जा रही है। वहीं नशे के सौदागर रक्तबीज के जैसे पैदा होते जा रहे हैं। हल्द्वानी शहर से लेकर अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में तो इन्होंने ठिकाना बना भी लिया है ।और अब गैंग इस धंधे में पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं, पहाड़ों पर पनप रहे नशे के नए गैंगो को पुलिस ट्रैक करने की कोशिश कर रही है, पर हाल ही के दिनों में पुलिस ने 10 करोड़ से ज्यादा का ड्रग्स कुमाऊ से ही बरामद किया है,नशे के कारोबार से नए-नए लोग जुड़ रहे हैं, पहले इन्हें नशे का आदी बनाया जा रहा है फिर इनके द्वारा ड्रग्स बिक़वाई जा रही है ।
यही पेडलर तस्करी के जाल में फंस कर गैंग का हिस्सा बनते जा रहे हैं ,नई जानकारी के अनुसार तस्करी का सबसे बड़ा नेटवर्क अल्मोड़ा जिले में तैयार किया जा रहा है ,यहां पांच नए गैंग सामने आए हैं और पुलिस इन पांचों गैंग के 13 गुर्गो पर गैंगस्टर भी लगा चुकी है ,जबकि नैनीताल जिले में 2 नए गैंग सक्रिय हैं और इनके 10 गुर्गो पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जा चुकी है, वही बागेश्वर में एक नया गैंग सामने आया है और इस गैंग के कुल 2 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
कुमाऊ के यह तीन पहाड़ी जिले हैं जहां माफिया अपना नेटवर्क फैला रहे हैं, पूरे कुमाऊं में इस माह अगस्त तक कितना नशा पाया जा चुका है। इसका आकलन तो नहीं किया जा सकता, लेकिन बरामदगी से खपत का अनुमान जरूर लगाया जा सकता है, कुमाऊं के सभी 6 जिलों की पुलिस ने करीब 70 किलोग्राम चरस, 7 किलोग्राम से ज्यादा स्मैक,10 किलोग्राम डोडा अफीम, 6550 नशीली गोलियां, 28 हजार नशीले कैप्सूल ,करीब 8 हजार नशीले इंजेक्शन, 713 किलोग्राम से ज्यादा हीरोइन और करीब 5 किलोग्राम अफीम बरामद की जा चुकी है ,इस पूरे माल की कीमत लगभग ₹10 करोड़ 53 लाख जायेगी। पुलिस की सक्रियता और लगातार पकड़ी जा रही स्मैक और चरस के कारण अब इन माफियाओं ने अपना नया ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है,वही आनंद भरणे डीआईजी कुमाऊ का कहना है कि पहाड़ और मैदान में नशे की खपत बढ़ी है, नए लोग इससे जुड़े हैं ,पुलिस नशे के खिलाफ लगातार काम कर रही है, जल्दी ही प्रदेश स्तर पर नशे के खिलाफ एएनटीआर एक्शन में दिखेगा, कुमाऊं में नशा और नशे के खिलाफ एक अलग टीम काम करती दिखाई देगी।






