

हरिद्वार। गंगा दशहरा वह दिन है जब मां गंगा ने पृथ्वी पर अवतरण किया था. इसी दिन भगवान शंकर की जटाओं से निकलकर मां गंगा पृथ्वी पर उतर आई थीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ के तप से ब्रह्म देव प्रसन्न हो गए थे और उन्होंने भगीरथ को मन चाहा वरदान मांगने के लिए कहा. भगीरथ ने ब्रह्म देव से वरदान में मां गंगा को मांग लिया. तब से गंगा दशहरा व्रत पर्व मनाया जाता है।गंगा दशहरा के मौके पर आज हरिद्वार में स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उमड़े हैं। देर रात से भी भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। इस दौरान भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। हरकी पैड़ी व अन्य घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। श्रद्धालुओं ने हर हर गंगे के जयकारों के साथ आस्था की डुबकी लगाई। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र को चार सुपर जोन और 16 जोन, 37 सेक्टर में बांटा गया है। मेला क्षेत्र में 764 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी और चार पीएसी की कंपनी, दो बीडीएस, दो फायर यूनिट, प्लड कंपनी की तैनाती की गई है।






