

चंपावत टनकपुर क्षेत्र में 17 तारीख शनिवार को मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी के बाद शुक्रवार की रात हुई बारिश से जगह-जगह जल प्रलय से काफी नुकसान होने की खबर है। जहां शारदा नदी का जल उफान पर चल रहा है वही टनकपुर का किरोड़ा नाला भी नदी में तब्दील हो गया है। थ्वालखेड़ा में चैनेलाइजेशन कर जहां नाले को डायवर्ट किया गया था किरोड़ा नाले के उफान ने चैनेलाइजेशन को तोड़कर पूर्व की भांति बहने लगा है। वही खेतखेड़ा बसानी गोठ के बीच में पड़ने वाले नाले में सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार पहली बरसात नहीं झेल पाई ।और बुरी तरह जगह-जगह से टूट कर गिर चुकी है। जिस पर जनता ने काफी आक्रोश भी जताया। वही किरोड़ा नाला उफान पर होने पर पूर्णागिरि धाम सहित एक दर्जन गांव का मार्ग अवरुद्ध हो गया है । साथ ही स्थानीय लोगों जान जोखिम में डालकर नाला पार करने में लगे रहे।टनकपुर एसडीएम के आदेश पर पूर्णागिरि मार्ग 16 सितंबर से 19 सितंबर तक बंद कर दिया गया है । बोरागोठ नायकगोठ व टनकपुर के बीच से बहने वाले गंदे नाले में बारिश के पानी से उफान पर बह रही है। जिससे लोगों के घरों तक पानी घुस गया है । छीनीगोठ में भी हुड्डी नदी ने काफी तबाही मचाई है। नदी का जल गांव के बीच से बह रहा है। जिससे वहां पर लोगों की जान आफत में आ पड़ी। कुछ लोग अपनी गौशाला की छत में चढ़कर अपनी जान बचा पाए तो वही नंदौर जिम कॉर्बेट रिजॉर्ट गोकुल सिंह परिहार का रिजॉर्ट जल में डूब चुका है। साथ ही विलियम व सुभाष अधिकारी को जलभराव से नुकसान पहुंचा है। तलीयाबाजं के अखबोराकोट गांव में ईश्वरी दत्त ने बताया कि उनकी जमीन के पास भारी कटिंग करने से उनकी जमीन व बगीचे भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं जिससे उनके घर को भी खतरा पैदा हो गया है अगर सुरक्षा व्यवस्था ना हुई तो घर छोड़ने पर मजबूर हो जाएगे। टनकपुर चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग में तेज बारिश की वजह से स्वाला के समीप सड़क 30 मीटर हिस्सा खाई में समा गया जिससे पूरी सड़क गायब हो चुकी है। चंपावत पिथौरागढ़ मार्ग पूरी तरह बंद हो गया जिसमें काफी समय लगने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल शुक्रवार रात की बारिश ने अन्य कई जगहों पर भी तबाही मचाई है।






