हल्द्वानी/नई दिल्ली। हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तराखंड सरकार और रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से मामले का समाधान खोजने के लिए समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि हल्द्वानी में अतिक्रमण 8 हफ्ते तक नहीं हटाए जाएंगे। मामले में अगली सुनवाई 2 मई को होगी। मामला जस्टिस एस के कौल, जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में था। इसके पहले भी 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड हाईकोर्ट के अतिक्रमण फैसले पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर लोग रहते हैं। रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 9 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा था। उत्तराखंड की नैनीताल हाईकोर्ट ने इस अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद करीब 4 हजार से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ा जाना था, लेकिन कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिसंबर में कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि 5 जनवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि 7 दिन में 50 हजार लोगों को विस्थापन संभव नहीं है।
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है। इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है। यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं। इस क्षेत्र में 4 सरकारी स्कूल, 11 निजी स्कूल, एक बैंक, दो ओवरहेड पानी के टैंक, 10 मस्जिद और चार मंदिर हैं।