

बस्तिया गांव में हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है बीती रात्रि काश्तकारों के खेतों में दो जंगली हाथी रात के लगभग 1 प्रवेश कर गए। और लगभग 10 से 12 काश्तकारों की खेत में खड़ी गेहूं की फसल को रौद दिया साथ ही केले के पेड़ों को तहस-नहस कर दिया । हाथी द्वारा बस्तीया गांव के बहुत ही पुराने पानी पीने वाले नौले (जल स्रोत)को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।ग्राम प्रधान कविता धोनी द्वारा बताया गया कि हाथियों ने रविंद्र गिरी ,गोविंद लाल, प्रकाश राम, भीम सिंह, गुड्डी देवी, रामी राम ,पन राम ,कल्याण सिंह, जगत सिंह, त्रिलोक सिंह, राधा देवी, की गेहूं की फसलों को नष्ट कर दिया गया है। साथ ही रात्रि में हाथी से अब जान माल का भय भी बना हुआ है। हाथियों के आए दिन गांव में प्रवेश करने से ग्रामीण महिलाओं व बच्चों में भय का माहौल बना हुआ है। हाथी बस्तिया गांव के साथ-साथ टनकपुर के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी आतंक मचा रहा है। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथी के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।






