

उत्तरायणी पर्व के दिन ब्यानधूरा बाबा मंदिर में हजारों लाखों की संख्या में भक्तगण दर्शन को पहुंचते। वन विभाग द्वारा अवरुद्ध हुए वनमार्ग सड़क को दुरुस्त कर दिया गया है। टनकपुर में ककराली गेट से वह चकरपुर से बनखंडी महादेव मंदिर के पास वन चौकी से मन्दिर का रास्ता पड़ता है। साथ ही कई लोगों अन्य रास्तों से भी ब्यानधुरा मंदिर पहुंचते हैं। दोनों जगहों से मंदिर तक पूरा रास्ता जंगल के बीच से ही गुजरता है। इस वन मार्ग मे वाहनों के लिए कच्चा रास्ता बनाया गया है । उत्तरायणी के दिन इन वन मार्गों में भी अच्छी चहल-पहल बनी रहती है वह जगह-जगह भंडारे भी लगाए जाते हैं।मंदिर के पुजारी नंदाबल्लभ ने बताया कि टनकपुर से ककराली गेट होते हुए कॉलोनियां पहुंचते हैं कॉलोनिया से कठोल होते हुए 4 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद बाबा ब्यानधूरा मंदिर पड़ता है । टनकपुर से मन्दिर तक कुल 30 किलोमीटर की दूरी पड़ती है।साथ ही चकरपुर बनखंडी महादेव मंदिर के पास स्थित वन चौकी से सेनापानी होते हुए बाबा की कुटिया तक पहुंचा जा सकता है। बाबा की कुटिया से 5 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद ब्यानधूरा बाबा के मंदिर पहुंचा जा सकता है।पुजारी नंदा बल्लभ ने बताया कि बाबा ब्यानधूरा मंदिर के लिए दो मार्ग खोले गए हैं। जिसमें बाबा की कुटिया से 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और वही कठौल से भी रास्ता बनाया गया है। जहां से मात्र 4 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। ब्यानधूरा के पुजारी वर्ग ने सभी भक्तजनों को उत्तरायणी पर्व पर बाबा ब्यानधूरा मंदिर में दर्शन करने व प्रसाद ग्रहण करने का आमंत्रण भेजा है।






