

8 अगस्त को गैडाखाली निवासी प्रेम सिंह रेस्वाल कहीं लापता हो गए थे। जिनके अंतिम बार गाजियाबाद होने की सूचना मिल रही थी।तब से उनके परिजन लगातार उनकी खोज में दर-दर भटक रहे थे। तमाम शासन प्रशासन पुलिस स्थानीय नेताओं मीडिया से सहायता की गुहार लगाते रहे। तथा टनकपुर से हरियाणा हिसार तक उनके पुत्र मोहित रेस्वाल ने चप्पा चप्पा छान मारा। वहीं इसी के बीच उनके परिवार को खुशी का ठिकाना नहीं रहा ।जब उनको एक दिन फिर अनजान नंबर से कॉल आया और कॉल पर उनके ही पिता बात कर रहे थे। उन्होंने आपबीती बताते हुए कहा कि हरियाणा मैं ढाबा मालिक से झगड़ा होने के बाद वह वहां से निकल गए थे। वह गाजियाबाद के बाद दिल्ली से किसी ठेकेदार के साथ उनके गन्ना फैक्ट्री में काम के लिए चले गए थे। उनके पुत्र ने देर न करते हुए तुरंत उस स्थान पर जाने का निर्णय किया। तथा वहां पहुंचकर अनजान नंबर से कांटेक्ट करने की कोशिश की मगर वह नंबर नहीं उठा रहा था ना ही उनको पता बता रहा था। मोहित ने बताया कि उनके पिता मेरठ में कहीं गन्ना फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। ठेकेदार ने 6 महीने तक कहीं ना जाने की बात कही थी। और प्रेम सिंह रेस्वाल ने इस बात पर हामी भरी थी। तब से वह एक बधुआ मजदूर की तरह वहां कार्य कर रहे थे। एक दिन रात में उन्होंने चुपके से किसी दूसरे के फोन से चालाकी से अपने घर फोन लगा दीया।और घर वालों से बात की साथी व्यक्ति को पता चलते ही उन्होंने फोन तुरंत छीन लिया। तब जाकर उनके परिजनों को उनके मेरठ में होने की सूचना मिली। उन्होंने मेरठ पुलिस की सहायता लेते हुए उनके पास तक पहुंचे। और जैसे ही उनके पिताजी ने अपने पुत्र मोहित को देखा तो वह खुशी के मारे उछल पड़े और घर जाने का निर्णय लिया ।मोहित ने बताया वह मानसिक रूप से कुछ डरे हुए हैं। जिनको वह वापस घर ला गये है ।इससे उनके परिवार के साथ साथ जिस को भी गुमशुदा होने की खबर मिली थी उनके चेहरे पर उनके वापस लौटने से एक खुशी मिली है।






