

चंपावत जिले के टनकपुर क्षेत्र में पिछले कई महीनों से लचर बिजली व्यवस्था से लोग हो रहे परेशान। लाइट के ना होने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। आजकल रोजगार चला रहे कई लोगों का कार्य बिजली वाले उपकरणों से होता है। ऐसे में बार बार बिजली जाने से दुकानदार के साथ ग्राहक भी परेशान हो जाता है। ग्राहक को एक काम के लिए कई घंटों तक रुकना पढ़ रहा है। शहर के कई मोहल्लों में दिन में कई बार बिजली बंद हो रही है। फॉल्ट व ट्रिपिंग के कारण जब-तब बिजली जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या एक सप्ताह में कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। हालांकि विद्युत विभाग के अधिकारी मेंटेनेंस के कारण बिजली बंद होने की बात कह रहे है।
आपको बता दें बुधवार को शहर में बिजली सप्लाई आंख मिचोली करती रही इस दौरान गर्मी की वजह से लोग हलाकान होते रहे। कई लोगों ने बिजली विभाग के दफ्तर फोन लगाए तो हर बार जवाब मिला काम चल रहा है। और कुछ देर में लाइट आ जाएगी। सीएम की विधानसभा में लाइट ना होने के चलते लोगों में कई तरह की चर्चाएं भी व्याप्त हैं।जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से बिजली बंद होने की शिकायतें हर क्षेत्र से आ रही हैं। नगर के अलग-अलग हिस्सों में अचानक बिजली गुल होने से लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कई बार तो भरी दोपहरी में बिजली गुल हो जाती है, इससे लोग पसीना-पसीना हो जाते हैं। दरअसल गर्मी में बिजली लाइन पर लोड बढ़ गया है। घरों और होटलों में पंखों के अलावा एसी, कूलर व वाटर कूलर जैसे बिजली उपकरण चलाए जा रहे हैं। अचानक बढऩे वाले लोड के
कारण शहर में फॉल्ट भी बढ़ गए हैं। कई बार लाइन ट्रिप होकर बंद हो जाती है। बार-बार आ रही दिक्कत के कारण स्थानीय लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नियमित उपखंड कार्यालय में सीनियर अधिकारी के ना होने से लोगों को भारी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है ।नाम ना छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि लोहाघाट, चंपावत ,टनकपुर एक साथ तीन स्टेशनों की जिम्मेदारी विद्युत विभाग के एसडीओ विकास भारती के पास है। उन्होंने बताया कि हेड क्वार्टर इस मामले में अवगत करा दिया गया है। शीघ्र ही इस मामले में में उचित कार्रवाई की जाएगी। आपको बताते हैं आजकल हर कार्य इलेक्ट्रॉनिक होने के कारण जनता बिजली पर ही निर्भर हो गई है। कुछ लोगों का कहना है कि आजकल बिजली की इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में बिजली सेविंग वाले उपकरण अधिक बनते हैं। जैसे एलईडी बल्ब मगर मीटर का बिल उससे कई गुना अधिक आ रहा है। जिसकी मार गरीब जनता पर पड़ रही है।






