तो ऐसे हुआ था पूरा हादसा: बालासोर ट्रेन हादसे पर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी पूरी जानकारी
ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे पर रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी जाकारी दी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने पूरे हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी मीडिया क समक्ष सार्वजनिक की। रेलवे बोर्ड की सदस्य जया सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस में हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि दुर्घटना जिस स्टेशन पर हुई, वहां चार प्लेटफार्म हैं। बीच में दो मेन लाइन हैं और बगल में दो लूप लाइन हैं। वहां एक लूप लाइन पर मालगाड़ी खड़ी थी। वहीं से कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन गुजर रही थी और हावड़ा के दूसरी ट्रेन आ रही थी। दोनों मेल पर ग्रीन सिग्नल भी थी। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि कोरोमंडल ट्रेन की स्पीड 128kmph थी। उधर, यशवंतपुर ट्रेन 126 kmph की स्पीड पर थी।
दोनों ट्रेन की स्पीड 130 किलो मीटर प्रति घंटे तय की गई थी, जिससे साफ जाहिर होता है कि दोनों ट्रेन ओवरस्पिडिंग की स्थिति में नहीं थे। अब ऐसे में यह कैसे हुआ? इसकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए। जया सिन्हा ने आगे इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सिग्नल में कोई परेशान नहीं आई थी। दरअसल, पहले इस हादसे की वजह से सिग्निल में खामी बताई गई थी। शुरुआती स्थिति में पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में ही खामी आई थी, जिसकी वजह से ट्रेन दुर्घटना के भेंट चढ़ गई। वहीं, आपको बता दें कि आयरन की मालगाड़ी थी जिस पर कोरोमंडल की बोगी और इंजन चढ़े। आयरन होने की वजह से यात्री ट्रेन को ज्यादा क्षति पहुंची है।
जया सिन्हा ने आगे कहा कि जिन लोगों की आंखें अपनो को तलाश रही हैं, वो रेलवे द्वारा जारी किए गए नंबर 239 पर फोन कर पूछताछ कर सकते हैं। वहीं, हमने हादसे का शिकार हुए परिजनों के लिए मुआवजे का भी ऐलान कर दिया है। अब तक हम इस तरह के हादसे में शिकार हुए लोगों के परिजनों को 3 करोड़ रुपए तक मुआवजा दे चुके हैं। वहीं, हादसे की वजह सिग्निल में खामी बताई जा रही है, लेकिन इसे अंतिम मान लेना उचित नहीं रहेगा, क्योंकि अभी इसकी जांच की जा रही है। अब आगामी दिनों में जांच में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।सिन्हा ने कहा कि हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। इस इंफॉर्मेशन को हम एज ए डिडक्टिव समझने का प्रयास कर रहे हैं। घटना स्थल पर सब तहस-नहस हो गया है। घटना के समय रिएक्शन टाइम बहुत कम था इस स्पीड पर। Signalling इंटरफ्रेंस का फेल्योर कहना ठीक नहीं होगा। लेकिन, अभी किसी भी तथ्य को अंतिम मान लेना उचित नहीं रहेगा। लिहाजा जांच संपन्न होने का इंतजार करना चाहिए।
ड्राइवर ने कहा कि सिग्निल मिला था, इसलिए गाड़ी अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। हालांकि, अभी तक ड्राइवर ने इसके अलावा कुछ भी हादसे के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। ड्राइवर का उपचार जारी है। उसके जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने का इंतजार किया जा रहा है, तभी मामले की असल सच्चाई सामने आ सकेगी। बता दें कि हादसे की भेंट चढ़ी कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में सवार तकरीबन 1200 यात्री अभी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं।