
चम्पावत जिला अस्पताल में ऑपरेशन से शिशु को जन्म देने वाली प्रसूता की इलाज में हुई लापरवाही के चलते इंफेक्शन से हुई मौत। प्रसूता की जिंदगी बचाने के लिए परिजनों ने उसे बचाने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटे लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बच सकी।नवजात को जन्म देने के 11 दिन बाद 29 जुलाई को प्रसूता की मौत हो गई ।जिस पर नाराज परिजनों ने आज जिला अस्पताल का घेराव कर अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।चम्पावत के बाजरीकोट की रहने वाली संध्या ने 19 जुलाई को जिला अस्पताल में ऑपरेशन से शिशु को जन्म दिया 21 जुलाई को जच्चा बच्चा को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। संध्या के अनुसार संध्या को 23 जुलाई से लगातार बुखार आ रहा था दवा से राहत नहीं मिलने और तबीयत बिगड़ने पर 27 जुलाई को संध्या को फिर से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन एक दिन बाद 28 जुलाई को यहां से हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया। हल्द्वानी ले जाने से पहले प्रसूता को एक अन्य निजी अस्पताल में दिखाया तो परीक्षण के बाद निजी अस्पताल ने संक्रमण फैलने की दलील देते हुए बाहर ले जाने की सलाह दी।परिजनों का कहना है कि हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल के जवाब देने के बाद वे 29 जुलाई को संध्या को बरेली के भोजीपुरा में एक निजी अस्पताल ले गए।जहां डॉक्टरों ने संक्रमण फैलने से शरीर के अधिकांश अंगों के काम नहीं करने की जानकारी दी इसी बीच 29 जुलाई की शाम को भोजीपुरा में संध्या ने दम तोड़ दिया। शनिवार को संध्या का अंतिम संस्कार हुआ, परिजनों ने इस मामले में आज जिला अस्पताल का घेराव करते हुए जिला अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि प्रसव के दौरान लापरवाही और बाद रेफर करने में की गई देरी की वजह से संध्या की जान गई है। बताते चलें कि संध्या के पति सीआरपीएफ के जवान हैं। और इस समय छत्तीसगढ़ मैं पोस्टेड है संध्या का परिवार इस समय संध्या की 11 दिन की नवजात बच्ची को संभालने की कोशिश में लगा है।वहीं इस पूरे मामले पर मीडिया को जानकारी देते हुए जिला चिकित्सा अधिकारी के के अग्रवाल ने बताया की प्रसूता महिला को पहले इलाज के बाद घर भेज दिया गया था। दोबारा भर्ती होने के समय महिला को बुखार आ रहा था जिसका इलाज किए जाने के बीच ही महिला के परिजन उसको बाहर के अस्पताल में ले गए। जहां महिला की मौत हो गई परिजनों की शिकायत पर इस मामले में जांच कमेटी बनाई जा रही है ।जो 1 हफ्ते के अंदर पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी जिसके बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।




