

आजादी के बाद आज भी पोथ, खिरदारी ,फुरकियाझाला, सुनैत, चांचरी , बियूरी, उदाली, दऊमां, गगशीर, गांव कहीं बिजली तो कहीं सड़क व चिकित्सा सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। भाजपा के दिनेश बोहरा ने बताया कि अभी तक इन गांव में सड़क बिजली स्वास्थ्य सुविधा व स्कूल की सुविधाएं नहीं मिल पाई है। लोगों को राशन व सामान लेने दूर-दूर से पैदल आना पड़ता है। तथा भारी भारी राशन के बोरियों को कंधे में ढोना पड़ता है। तथा बीच में पड़ने वाले लधीया नदी को पार कर उबड़ खाबड़ रास्तों से अपने घर में पहुंचते हैं। बीमार व्यक्ति को अस्पताल लाने के लिए भी 25 किलों मीटर डोली के सहारे पैदल या चलथी पुल में लाना होता है। या फिर चूका ले जाना होता है ।वहां से टनकपुर अस्पताल के लिए ले जाया जाता है। पोथ के प्रधान ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही एक बीमार महिला को डोली बनाकर चिकित्सालय के लिए टनकपुर अस्पताल ले जाया गया था।यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है। टनकपुर से लगे यह गांव अभी तक इन सुविधाओं से वहीन क्षेत्र बने हुए हैं। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन और माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से निवेदन कीया है की वहां सड़क बिजली व अन्य सरकारी सुविधाएं दी जाये और चूका या चलथी में मिलान किया जाये। तथा इस विषय में मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में ज्ञापन भी दिया जाएगा।






